श्री वेणु गोपाल कृष्णाय वन्दनम्। श्री वेणु गोपाल कृष्णाय वन्दनम्।
ऋषिवराणां मानसाऽलोल हंसाय। मकुटान्त मायूर पिञ्छाऽवतंसाय।
एकप्रहारेण विध्वस्त कंसाय। श्री वेणु गोपाल कृष्णाय वन्दनम्॥१॥
व्यत्यस्त विन्यस्त पादाऽरविन्दाय। मधुराऽमृतासार मुरली निनादाय।
जाज्वल्यमानांऽशु पीताम्बराऽङ्गाय। श्री वेणु गोपाल कृष्णाय वन्दनम्॥२॥
आकर्ण तेजस्वि मीनायताऽक्षाय। प्रत्यूष पद्मांऽशु नेत्रछदयुगाय।
कमल लोचन कान्ति संमोहनाऽस्त्राय। श्री वेणु गोपाल कृष्णाय वन्दनम्॥३॥
आमुक्त मुक्तावली जालहाराय। गोपी दधि क्षीर नवनीत चोराय।
बृन्दावने वल्लवी बृन्द जाराय। श्री वेणु गोपाल कृष्णाय वन्दनम्॥४॥
सायन्तने धेनु वृन्दाऽनुगमनाय। मार्गमध्ये वल्लवी कुञ्चिताक्षाय।
राधा जगन्मोहिनी मोहनाय। श्री वेणु गोपाल कृष्णाय वन्दनम्॥५॥
कालीय फणि फणा सङ्क्षोभ नटनाय। काञ्ची क्वणत्किङ्किणी निस्वनाय।
गोवर्धनोद्धरण लीलास्मिताऽस्याय। श्री वेणु गोपाल कृष्णाय वन्दनम्॥६॥
कस्तूरिका तिलक रेखाललाटाय। तुलसी स्रगामोद वक्षःकवाटाय।
पार्थाय विश्व रूपालोल खेटाय। श्री वेणु गोपाल कृष्णाय वन्दनम्॥७॥
श्री रुक्मिणी सत्यभामा समेताय। गोपी सहस्रेण संवेष्टिताऽङ्गाय।
रासे रसे सर्वदा सद्वीनोदाय। श्री वेणु गोपाल कृष्णाय वन्दनम्॥८॥